बस उस एक पल का है इंतज़ार
हज़ारों हैं ख्वाईशें और उमंगें हैं बेकरार,
ना सोचा था हमने की देखेंगे किसी को
लेकिन अब तो हर नज़र को चाहिए बस तेरा ही दीदार,
बस उस एक पल का है इंतज़ार
साहिल को छूते ही थमती है हर लहर
मेरी रूह को रोशनी देती है तुम्हारी यह नज़र,
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हम हैं तन्हा
बस कशीश ही कशीश हर दिन हर लम्हा,
सिर्फ तेरा ही मंज़र हर-सु हर पहर
आ भी जा ओ अब तो होने को है सेहर
बस उस एक पल का है इंतज़ार