A Walk to Remember and a Night to Ponder
A gentle breeze swiftly wiggle the autumn leaves
A beautiful sight of riverfront and a house on hills Yonder.
Flash of our memories twinkling in front of my Eyes
Same Fragrance of Lilacs as I stepping into that aisle
Greetings by a small girl with a rose in her hand
Glimpse of your eternal shadow made me Wonder.
A little girl’s smile healed the sky
Will nurture her soul with all my loving
Monthly Archives: August 2016
अपनी जन्नत बनाकर बस करू तेरा सजदा
अरमानों के पंख लगाकर उडाता चलूँ
ढूँढू तेरे कदमों के निशान
और उनको अपनी मंज़िल बनाकर बस करू तेरा सजदा
टूटते तारे को देखकर मांगते हैं सब दुआ
मगर तारा ही मसीहा बन जाये तो खुद टूटकर
तारे को चमकने की मांगता हूँ दुआ
चमकते तारे की रौशनी को सजाकर बस करू तेरा सजदा
जीने की ख्वाहिश मयस्सर हो तेरी पनाह में
गम नहीं फिर सांस भी निकल जाये तेरी इन बाहों
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