2) “गम-ख़ुशी”

ख़ुशी का एक पल गम के हज़ार,

तुम्हारी एक हंसी के लिए हम हैं बेक़रार

मेरी दुआ की रोशनी से,

गम का एक पल हो जाए और खुशियों के हज़ार

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