Poems 2) “गम-ख़ुशी” By RP / No Comment ख़ुशी का एक पल गम के हज़ार, तुम्हारी एक हंसी के लिए हम हैं बेक़रार मेरी दुआ की रोशनी से, गम का एक पल हो जाए और खुशियों के हज़ार Follow Comments comments